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श्रावण में महादेव के पूजन का विधान

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हर हर महादेव सावन के महीने में कैसे करें भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न जिससे हमारे जीवन में आता है परिवर्तन अभिषेक पूजा पाठ शिव आराधना के बारे में जानकारी सावन के महीने में महामृत्युंजय करने से समस्त नवग्रह की शांति हो जाती है भविष्य में आने वाली सभी समस्या का समाधान हो जाता है जिनके घर महामृत्युंजय की पूजा होती है उस घर में भगवान शिव का वास होता है इस कारण उस घर में भूत-प्रेत कभी नहीं आते दुख दरिद्र कभी नहीं आते भगवान शिव की कृपा से घर में शांति बनी रहती है !! **** घर का कोई सदस्य किसी गंभीर बीमारी से ग्रस्त है और समझती इलाज कराने के बाद में भी स्वास्थ्य लाभ नहीं हो रहा है तो भगवान मृत्युंजय का जाप घर में कराना चाहिए ***जिन घर में आर्थिक तंगी चल रही है प्रयास करने के बाद में भी नौकरी नहीं लग पा रही जॉब के लिए परेशान हो रहै है वह व्यक्ति कहीं मृत्युंजय का जाप करा ले तो उसके घर में धन धान्य की वृद्धि होगी *रुद्राभिषेक- विधान-एक सम्पूर्ण जानकारी-* रूद्र अर्थात भूत भावन शिव का अभिषेक शिव और रुद्र परस्पर एक दूसरे के पर्यायवाची हैं। शिव को ही रुद्र कहा जाता है क्योंकि- *रुतम्-दु:खम्, द्रावयति-ना

वास्तु टिप्स

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मई में राशियों का फल

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  गुरु कृपा Astro guru 9772072021 करियर,आर्थिक और सेहत के लिहाज से कैसा रहेगा मई का महीना मासिक राशिफल मई  से आप अपने आर्थिक, पारिवारिक, नौकरी, व्यापार, विवाह और प्रेम जीवन के अलावा अन्य महत्वपूर्ण पहलुओं की भविष्यवाणी जान सकते हैं। तो चलिए जानते हैं आपकी राशि के अनुसार मई माह में आपको कौन-कौन से अवसर प्राप्त होंगे और किन क्षेत्रों में चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। मेष मासिक राशिफल कोरोना काल की कठिन चुनौतियों के बीच मेष राशि के जातकों के लिए यह माह काफी राहत और उर्जा देने वाला साबित होगा। माह के प्रारंभ में कुछेक अड़चनों के बावजूद मेष राशि के जातकों के लिए यह माह जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में नए अवसरों को लेकर आया है। यदि आपने पूर्व में किसी कार्य को लेकर योजना बना रखी है तो उसे मित्रों और शुभचिंतकों की मदद से साकार करने में कामयाब हो जाएंगे। कार्यक्षेत्र में लोग आपकी प्रतिभा का लोहा मानेंगे। कॅरिअर-कारोबार में थोड़े-बहुत उतार चढ़ाव के बावजूद आपके प्रगति एवं उन्नति के योग बनेंगे। जीवनसाथी एवं परिजनों का पूरा सहयोग मिलेगा। राजनीति से जुड़े लोगों को बड़े पद के साथ बड़े जिम्मेदारी मिल

अप्रैल महीनें का राशि फल

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                      Astro guru 9772072021 अप्रैल माह का भविष्यफल : क्या कहती है आपकी राशि जानिए मेष राशिफल यह महीना आपके लिए कुछ ख़ास नहीं रहने वाला है। माह की शुरूआत में निराशा आपको घेर सकती है। स्वास्थ्य सम्बन्धी परेशानी हो सकती हैं। दुर्घटना भी हो सकता है संभलकर रहें। क्षय रोग और रक्त विकार जैसी बीमारी हो सकती है। आप में चिड़चिड़ापन बढ़ सकता है, अतः अपने व्यवहार में संयम बरतें। इस महीना आपको सफलता प्राप्त करने लिए कठिन मेहनत करना पड़ेगा । प्रथम सप्ताह में व्यय अधिक हो सकता है खर्च पर नियंत्रण रखें। यदि आप कोई प्रतियोगिता परीक्षा दे रहे है तो मेहनत अधिक करनी पड़ेगी इस बात का जरूर ध्यान रखें बौद्धिक कार्यों में आपकी रूची नहीं रहेगी। भूमि-भवन का क्रय-विक्रय करना ठीक नहीं होगा।  गृह-निर्माण का काम शुरू करने से भी बचें। नौकरी बदलने के लिए समय अनुकूल नहीं है।  माता के स्वास्थ्य की देख-भाल करें। यह माह सेहत के लिए अनुकूल नहीं है। स्वास्थ्य के बिगड़ने की संभावना प्रबल है। इस समय रक्तस्राव, मलेरिया, टाइफ़ायड. कमर और हाथ-पैर में दर्द जैसी शिक़ायत हो सकती है। हालाँकि माह के अंत तक स्वास्थ्य लाभ हो

बसंत पंचमी को क्या करे

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 बसंत पंचमी का दिन मां सरस्वती को समर्पित होता है। इस दिन उनकी पूजा करने एवं विशेष मंत्रों का जाप करने से विद्या और बुद्धि की प्राप्ति होती है। देवी मां को प्रसन्न करने के लिए ज्योतिष शास्त्र में दिए गए उपाय कारगर साबित हो सकते हैं। 1.जिन बच्चों का मन पढ़ाई में नहीं लगता है उन्हें बसंत पंचमी के दिन ओम ऐं ह्रीं क्लीं महासरस्वतैय नम: मंत्र का जाप करना चाहिए। इससे बच्चे का दिमाग कम्प्यूटर से भी ज्यादा तेज हो जाएगा। 2.विद्या और बुद्धि की प्राप्ति के लिए बसंत पंचमी के दिन अपने घर के पूजा स्थान पर सरस्वती यंत्र की स्थापना करें। अब रोजाना पढ़ाई करने से पहले इस यंत्र को नमस्कार कर लें। 3.अगर आपकी कोई मनोकामना पूर्ण नहीं हो पा रही है तो बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती के सिर पर मोरपंख रख दें। पूजन के अगले दिन इस मोरपंख को संभालकर अपने पास रख लें। इससे आपका काम बन जाएगा। 4.बसंत पंचमी के दिन सुबह हल्दी और सरसों का तेल मिलाकर नहाने से देवी मां प्रसन्न होती हैं। इससे आपका भाग्य भी मजबूत होगा। 5.इस दिन पीले वस्त्र पहनें एवं भोजन में पीली चीजों का सेवन करें। बसंत पंचमी को तहरी खाने का विशेष प्रचलन है।

#धन_प्राप्ति👉

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#धन_प्राप्ति 👉सोए भाग्य को जगाने, मनचाही सफलता पाने और लक्ष्मी प्राप्ति के लिए सूर्य देव को आक का फूल अर्पित करना चाहिए। 👉गृह लक्ष्मी यानि पत्नी को भी रोज सुबह एक लोटे में ताज़ा पानी भर कर घर के मुख्य द्वार के सामने ड़ालना चाहिए। घर में लक्ष्मी जी का वास होने लगेगा।  Astro guru 9772072021

भारद्वाज गौत्र का विवरण

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  भरद्वाज ऋषि ऋग्वेद के छठे मंडल के दृष्टा जिन्होंने 765 मंत्र लिखे हैं। वैदिक ऋषियों में भरद्वाज ऋषि का अति उच्च स्थान है। ऋषि भरद्वाज के वंशज भारद्वाज कहलाते है अंगिरा वंशी भरद्वाज के पिता - बृहस्पति और माता ममता थीं। बृहस्पति ऋषि - अंगिरा के पुत्र होने के कारण ये वंश अंगिरा वंश भी कहलाया जा सकता है। ऋषि भरद्वाज ने अनेक ग्रंथों की रचना की उनमें से यंत्र सर्वस्व और विमानशास्त्र की आज भी चर्चा होती है। चरक ऋषि ने भरद्वाज को 'अपरिमित' कहा है। भरद्वाज ऋषि चंद्रवंशी काशी राज दिवोदास के पुरोहित थे। वे दिवोदास के पुत्र प्रतर्दन के भी पुरोहित थे और फिर प्रतर्दन के पुत्र क्षत्र का भी उन्हीं ने यज्ञ संपन्न कराया था। वनवास के समय प्रभु श्रीराम इनके आश्रम में गए थे, जो ऐतिहासिक दृष्टि से त्रेता-द्वापर का संधिकाल था। ऋषि भरद्वाज के प्रमुख पुत्रों के नाम हैं- ऋजिष्वा, गर्ग, नर, पायु, वसु, शास, शिराम्बिठ, शुनहोत्र, सप्रथ और सुहोत्र। उनकी 2 पुत्रियां थी रात्रि और कशिपा। इस प्रकार ऋषि भारद्वाज की 12 संतानें थीं। सभी के नाम से अलग-अलग वंश चले। भरद्वाज गोत्र की वंशावली में अधिकतर उत्तर भारत के